आज कोई ऐसा जाम पिला, की नशा ऐसा हो के उसकी याद आए ना, पीकर उस जाम को सो जाऊं में, और नींद से कोई मुझे जगाए ना, ऐसा जाम दे जो दवा भी हो, जिसे पिने से कोई दर्द मुझे रुलाए ना, मैंने जिसे चाह व मुझे छोड़ गया, अब चाहा है शराब को कहीं ये भी मुझे छोड़ जाए ना...
रोक दो मेरे जनाज़े को जालिमों, मुझमें जान आ गयी है, पीछे मुड़के देखो कमीनो, दारू की दुकान आ गयी है...
पीके रात को हम उनको भुलाने लगे, शराब में गम को मिलाने लगे, दारू भी बेवफा निकली यारों, नशे में तो वो और भी याद आने लगे...
जाम पे जाम पिने से क्या फायदा, शाम को पी सुबह उतर जाएगी, अरे दो बूँद मेरे प्यार की पी ले, ज़िन्दगी सारी नशे में ही गुजर जाएगी...
दूसरों के लिए ख़राब ही सही, हमारे लिए तो ज़िन्दगी बन जाती है, सौ ग़मों को निचोड़ने के बाद ही, एक कतरा शाराब बन जाती है...
यादों से सलाम लेता हूँ, वक्त के हाथ थाम लेता हूँ, ज़िन्दगी थम जाती है पल भर के लिए, जब हाथों में शराब-ए-जाम लेता हूँ...
रात चुप है मगर चाँद खामोश नहीं, कैसे कहूँ आज फिर होश नहीं, इस तरह डूबा हूँ तेरी मोहब्बत की गहराई में, हाथ में जाम है और पीने का होश नहीं..
तेरी आँखों के ये जो प्याले हैं, मेरी अँधेरी रातों के उजाले हैं, पीता हूँ जाम पर जाम तेरे नाम का, हम तो शराबी.. बे-शराब वाले हैं...
एक जाम उल्फत के नाम, एक जाम मोहब्बत के नाम, एक जाम वफ़ा के नाम, पूरी बोतल बेवफा के नाम, और पूरा ठेका दोस्तों के नाम...
दिल के दर्द से बड़ा कोई दर्द नहीं होता, आशिकों का शराब के सिवा कोई हमदर्द नहीं होता, जब दिल टूटता है तो आँसू उनके भी निकलते हैं, जो कहते हैं कि "मर्द को दर्द नहीं होता.."