बात-बात पे रोती है, झगड़ती है, लड़ती है, नादान सी होती है बहन, है रहमत से भरपूर, अल्लाह की रहमत होती है बहन...
आज लम्हा कुछ खास है, बहन के हाथों में भाई का हाथ है, ओ बहना तेरे लिए मेरे पास कुछ ख़ास है, तेरे सुकून की खातिर मेरी बहना, तेरा भाई हमेशा तेरे साथ है... --हैप्पी रक्षा बंधन--
राखी का त्यौहार था, राखी बांधने को भाई तैयार था, भाई बोला बहना मेरी अब तो राखी बाँध दो, बहना बोली कलाई पीछे करो, पहले रूपए हजार दो...
याद है हमें हमारा वो बचपन, वो लड़ना, वो झगड़ना और वो मना लेना, यही होता है भाई बहन का प्यार, राखी धागो का त्यौहार...
आया है फिर से एक त्यौहार, होता है जिसमें बहन भाई का प्यार, आज मनाओ खुशियाँ हज़ार, मेरी बहन पे मेरी जान निसार...
कदम तुम्हारे कामयाबी चूमे, चारो और हो ढेर सी खुशियाँ, रक्षा बंधन का त्यौहार हो अनमोल, राखी की हो दिल से बधाईयाँ...
हर इलज़ाम का हकदार वो हमें बना जाती है, हर खता की सजा वो हमें बना जाती है, हम हर बार खामोश रह जाते हैं, क्योंकि वो हर बार रक्षा-बंधन का दर दिखा जाती है...
क्या बाताऊं यारों मेरी किस्मत की कहानी, कुछ इस तरह लिखी गई, जिन हाथों से गुलाब देना चाहता था, उन्हीं हाथों में वो राखी बांधकर चिली गई...
याद आता है अक्सार वो गुज़रा जमाना, तेरी मीठी से आवाज़ में भैया कहकर बुलाना, वो सुबह स्कूल के लिए मुझे जगाना, अब क्या करे दीदी यही है ज़िन्दगी का तराना... ---रक्षा बंधन की शुभकामनाएँ---
रक्षा बंधन का त्यौहार है, हर तरफ खुशियों की बौछार है, बंधा एक धागे में, भाई-बहन का प्यार है...