उल्फत की ज़ंजीर से डर लगता है, कुछ अपनी ही तकदीर से डर लगता है, जो जुदा करती है किसी को किसी से, हाथों की बस उसी लकीर से डर लगता है...
दिल को आता है जब भी ख्याल उनका, तस्वीर से पूछतें हैं फिर हाल उनका, वो कभी हमसे पूछा करते थे जुदाई क्या है, आज समझ आया है हमें सवाल उनका..
कितना भी चाहो ना भूल पाओगे हमें, जितनी दूर जाओगे नज़दीक पाओगे हमें, मिटा सकते हो तो मिटा दो यादें मेरी, मगर क्या साँसों से जुदा कर पाओगे हमें...
आपसे यह दूरी हमसे सही नहीं जाती, जुदा होक आपसे रहा नहीं जाता, अब तो वापस लौट आईये हमारे पास, दिल का हाल अब लफ़्ज़ों में कहा नहीं जाता..
हर मुलाकात पर वक्त का तकाजा हुआ, हर याद पर दिल का दर्द ताज़ा हुआ, सुनी थी सिर्फ लोगों से जुदाई की बातें, आज खुद पर बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ...
किसी शाम मुझे टूट के बिखरते देखो, मेरी रूह में ज़हर-ए-जुदाई को उतरते देखो, किस-किस अदा से तुम्हें माँगा है रबसे, आओ कभी मुझे सजदे में सिसकते देखो..
आँखों के सागर में ये जलन कैसी है, आज दिल को तड़पने की लगन कैसी है, बर्फ की तरह पिघल जायेगी जिंदगी, ये तेरी दूर रहने की कसम कैसी है,
हर आशिकी का मतलब गम नहीं होता, दूरियाँ बड़ाने से प्यार कम नहीं होता, वक़्त बेवक़्त आ जाता है आँखों में पानी, क्यूंकि यादों का कोई मौसम नहीं होता...
आपको पा कर अब खोना नहीं चाहते, इतना खुश होकर अब रोना नहीं चाहते, यह आलम है हमारा आप की जुदाई मैं, आँखों में है नींद पर सोना नहीं चाहते...
लम्हें ये सुहाने साथ हो ना हो, कल में आज जैसी कोई बात हो ना हो, आपका प्यार हमेशा इस दिल में रहेगा, चाहे पूरी उम्र मुलाकात हो ना हो...