दर्द में कोई मौसम प्यारा नहीं होता, दिल हो प्यासा तो पानी से गुज़ारा नहीं होता, कोई देखे तो हमारी बेबसी, हम सभी के हो जाते हैं, पर कोई हमारा नहीं होता...
कब कौन किसी का होता है, सब झूठे रिश्ते नाते हैं, सब दिल रखने की बातें हैं, सब असल रूप छुपाते हैं, मोहब्बत के खाली लोग यहाँ, लफ़्ज़ों के तीर चलाते हैं, एक बार निगाहों में आकर, फिर सारी ज़िन्दगी रुलाते हैं, वो जिसने दिया है अश्क हमें, अब वो ही हम को भूल जाते हैं....
उन्होंने खुद की ज़ुबा को मोड़ दिया, नादानी में हमारे दिल को तोड़ दिया, अब तो हमारे आंसू भी नहीं रुकते उनकी याद में, क्योंकि अपनों ने ही हमसे मुँह मोड़ दिया...
उदास लम्हों का ना कोई मलाल रखना, तूफ़ान में भी वजूद संभाल के रखना, किसी के लिए शर्त-ए-ज़िन्दगी तुम हो, किसी की खातिर अपना ख्याल रखना...
आप पे कुर्बान हमारी यारी है, हंसके मर जाने की तैयारी है, ये सिलसिला ना खत्म हो हमारी दोस्ती का, हमने तो याद कर लिया अब आपकी बारी है...
यूँ नज़र की बात की और दिल चुरा गए, अंधेरों के साए में धड़कन सुना गए, हम तो समझते थे अजनबी आपको, पर आप तो हमें अपना बना गए...
हकीकत हो तुम कैसे तुम्हें सपना कहूँ, तेरे हर दर्द को अब में अपना कहूँ, सब कुछ कुर्बान है मेरे यार तुझ पर, कौन है तुम्हारे सिवा जिसे में अपना कहूँ...
कई बार जान बूझकर दिल तोड़ा उसका, शायद अब वो फैलसा कर ले जुदा होने का, पर हर बार वो पास आते गए, मेरी गलतियों को अपना बनाते गए...
ये दिल ना जाने किया कर बैठा, मुझसे बिना पूछे ही फैसला कर बैठा, इस ज़मीन पर टूटा सितारा भी नहीं गिरता, और ये पागल चाँद से मोहब्बत कर बैठा...
करते हैं तुझे याद सुबह शाम, लेते हैं हर वक़्त तेरा नाम, जो कहते हैं आज कल सच्चा प्यार नहीं होता, शायद वो हैं हमारी मोहब्बत से अनजान...